अब नए डायलाग के साथ प्रदर्शित होगी शोले
जी हां प्रसिद्ध निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म शोले अब कुछ नए संवादों के साथ प्रदर्शित होने जा रही है। वैसे तो फिल्म के बहुत से संवाद तो जस के तस रहेंगे लेकिन जहां-जहां भी गब्बर सिंह का नाम आएगा वहां-वहां एक बदलाव किया गया है। यह बदलाव क्या है जरा आप भी देखिए, लेकिन ठहरिए जरा फिल्म के इस चित्र को तो देख लीजिए... यह चित्र अमजद खान का है जिसे लोग गब्बर सिंह के नाम से ही जानते हैं.
डायलाग- यहां से पचास-पचास कोस दूर गांव में जब बच्चा रात को रोता है तो मां कहती है बेटा सो जा, सो जा नहीं तो.........(डरावना म्यूजिक...) सो जा नहीं तो जलजला आ जाएगा।
जी हां ब्लाग जगत ने जलजला को इतना अधिक प्रसिद्ध कर दिया है कि गब्बर की प्रसिद्धी भी उसके सामने फीकी पड़ गई है, जिसे देखो वही जलजला-जलजला कर रहा है।
कुछ और संवाद-
-रामगढ़ के लोगों तो इन्हें लाए थे तुम जलजला से टक्कर लेने क्यों
- जलजला ये हाथ नहीं फांसी का फंदा है
- और तुम तीन हरामजादे जलजला का नाम पूरा ही मिट्टी में मिलाए दिए
वैसे जलजला की लोकप्रियता को देखकर दक्षिण भारत के एक प्रसाद नामक निर्माता ने कुछ दूसरी तरह के नामों का पंजीकरण भी करा लिया है। देखिए कुछ नाम-
- मैं प्यासी हूं जलजला
- जवानी का जलजला
- पड़ोसन का जलजला
- नर्स का जलजला
- जलजला और कच्ची जवानी
-जलजला की दीवानी
- मैं जलजला की हूं
- बाथरूम और जलजला
-हुस्न का जलजला
- लुट गई जलजला तेरे प्यार में
वे कहानीकार जो लंबे-लंबे शीर्षकों से कहानियां लिखते हैं उन्होंने भी कुछ कहानियां इन दिनों लिखी है। यह कहानियां कहां प्रकाशित हुई है यह तो नहीं मालूम लेकिन इन कहानियों की समीक्षा अखबारों में देखी गई है। शीर्षक देंखे-
-एक आकाश जिसमें जलजला रहता है
-यदि सूख गया भीतर का जलजला
-इधर भी जलजला उधर भी जलजला
-जलजला मैं और तवे पर दोसा पकाता हुआ मंगलू
-जलजला, केला, नींबू और संतरा
- जलजलाः तीन कविताएं
- जलजले से होकर गुजरा जलजला।
विज्ञापन बनाने वाली कुछ कंपनियों ने भी जलजले का नाम कुछ इस तरह प्रयुक्त किया है-
0 दाद-खाज खुजली का मरहम- जलजला लोशन
0 जलती धूप में चेहरे को निखारे- जलजला क्रीम
0 बचपन के गलत कामों को न छिपाएं... हर जगह लगाएं-जलजला तेल।
डायलाग- यहां से पचास-पचास कोस दूर गांव में जब बच्चा रात को रोता है तो मां कहती है बेटा सो जा, सो जा नहीं तो.........(डरावना म्यूजिक...) सो जा नहीं तो जलजला आ जाएगा।
जी हां ब्लाग जगत ने जलजला को इतना अधिक प्रसिद्ध कर दिया है कि गब्बर की प्रसिद्धी भी उसके सामने फीकी पड़ गई है, जिसे देखो वही जलजला-जलजला कर रहा है।
कुछ और संवाद-
-रामगढ़ के लोगों तो इन्हें लाए थे तुम जलजला से टक्कर लेने क्यों
- जलजला ये हाथ नहीं फांसी का फंदा है
- और तुम तीन हरामजादे जलजला का नाम पूरा ही मिट्टी में मिलाए दिए
वैसे जलजला की लोकप्रियता को देखकर दक्षिण भारत के एक प्रसाद नामक निर्माता ने कुछ दूसरी तरह के नामों का पंजीकरण भी करा लिया है। देखिए कुछ नाम-
- मैं प्यासी हूं जलजला
- जवानी का जलजला
- पड़ोसन का जलजला
- नर्स का जलजला
- जलजला और कच्ची जवानी
-जलजला की दीवानी
- मैं जलजला की हूं
- बाथरूम और जलजला
-हुस्न का जलजला
- लुट गई जलजला तेरे प्यार में
वे कहानीकार जो लंबे-लंबे शीर्षकों से कहानियां लिखते हैं उन्होंने भी कुछ कहानियां इन दिनों लिखी है। यह कहानियां कहां प्रकाशित हुई है यह तो नहीं मालूम लेकिन इन कहानियों की समीक्षा अखबारों में देखी गई है। शीर्षक देंखे-
-एक आकाश जिसमें जलजला रहता है
-यदि सूख गया भीतर का जलजला
-इधर भी जलजला उधर भी जलजला
-जलजला मैं और तवे पर दोसा पकाता हुआ मंगलू
-जलजला, केला, नींबू और संतरा
- जलजलाः तीन कविताएं
- जलजले से होकर गुजरा जलजला।
विज्ञापन बनाने वाली कुछ कंपनियों ने भी जलजले का नाम कुछ इस तरह प्रयुक्त किया है-
0 दाद-खाज खुजली का मरहम- जलजला लोशन
0 जलती धूप में चेहरे को निखारे- जलजला क्रीम
0 बचपन के गलत कामों को न छिपाएं... हर जगह लगाएं-जलजला तेल।

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